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कविता संग्रह >> तुम मेरी जान हो रज़िया बी

तुम मेरी जान हो रज़िया बी

पीयूष मिश्रा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :78
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 12299
आईएसबीएन :9789387462892

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

इस किताब में अभिनेता, गीतकार, संगीतकार, रंगकर्मी पीयूष मिश्रा की कविताएँ हैं। बकौल पीयूष ये कविताएँ उन्होंने अपने जीवन के एक खास दौर में लिखीं और इनका अपना एक खास मकसद था। ये अपने आप से, अपनी आत्मा के सच से साक्षात्कार की कविताएँ हैं। अपने आप और अपने परिजन-लोक को सम्बोधित। विपश्यना ध्यान के दौरान जब उन्हें अपने अब तक के जीवन पर दृष्टिपात करने का अवसर मिला तब उन्होंने इन कविताओं को लिखना शुरू किया।

लेकिन जैसा कि लिखी जाने के बाद हर कविता करती है, वह अपने सर्जक-भर की नहीं रह जाती। ये भी नहीं हैं। हम भी इनमें अपने आप को देख सकते हैं। मन के एकाकी कोनों से झरीं ये पंक्तियाँ कभी अपनी एक लय लेकर आती हैं तो कभी असम्बद्ध-सा दिखने वाला आत्मालाप। हम में से हर किसी को किसी न किसी मौके पर अपने आप से रू-ब-रू होना होता है। उन क्षणों में ये कविताएँ हमें ज़रूर याद आएँगी।

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